Friday 28 February 2020

“ नारी ”

सुख दुख के शब्दों से सजी हुई 
एक कविता है
कभी अल्हड़ , कभी शांत , कभी गहरी सी 
एक सरिता है
मस्त फुलों से लदी खुशबू बिखेरती हुई
एक लतिका है हर मुश्किल का सामना करती हुई
वो अपराजिता है
जीवन की हर लड़ाई से लड़ती हुई
वो विजेता है
आंचल में अपार प्रेम लिए मोह से
भरी ममता है
नारी वो है जो हर पीड़ा को झेल जाये
उसमें इतनी क्षमता है। 

 Ujjwal Sharan                    @fly_under_water

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